Добавить новость
World News in Hindi

Новости сегодня на DirectAdvert

Новости сегодня от Adwile

कारगिल में भारत के मिग विमानों ने पाकिस्तानी विमानों को सबक सिखाया

1999 के कारगिल युद्द के समय हिमालयी क्षेत्र में स्थित पाकिस्तानी सेना के 18 हजार फुट ऊँचे ठिकानों पर भारतीय वायुसेना ने कार्रवाई की थी। पूरी दुनिया में इससे पहले किसी भी हवाई युद्ध में इतनी अधिक ऊँचाई पर वायुसेना तैनात नहीं की गई थी। भारतीय वायुसेना के इस अभियान से तीन प्रमुख लक्ष्यों की प्राप्ति हुई — इसके कारण भारत को पाकिस्तान पर काफ़ी जल्दी जीत मिल गई, पाकिस्तानी सेना का मनोबल पूरी तरह से टूट गया और बड़बोले पाकिस्तान के तथाकथित परमाणु प्रतिरोध की सीमा भी उजागर हो गई।

‘स्ट्रैटेजी पेज’ यानी 'रणनीति पृष्ठ' नामक सामरिक पोर्टल की एक रिपोर्ट के अनुसार पहले कारगिल युद्ध में और फिर 2002 के सीमा संकट के समय भारत की वायुसेना द्वारा दिखाई गई हवाई जांबाज़ी के कारण पाकिस्तानी वायुसेना का मनोबल पूरी तरह से टूट गया था।

1971 के बांग्लादेश युद्ध में रूस ने निक्सन की सारी हवा निकाल दी

कारगिल अभियान में वैसे तो भारत की वायुसेना के बहुत से लड़ाकू विमानों ने भाग लिया था, किन्तु दृश्य सीमा से आगे तक मार करने वाले मिसाइलों से लैस मिग-29 फुल्क्रम लड़ाकू विमानों ने ही पाकिस्तानी वायुसेना की दयनीय स्थिति को उजागर किया। ‘स्ट्रैटेजी पेज’ की रिपोर्ट के अनुसार — पाकिस्तानी विशेषज्ञों द्वारा किए गए विश्लेषणों से यह बात साबित होती है कि चुनौती सामने आने पर पाकिस्तान की वायुसेना ने पाकिस्तानी थलसेना का समर्थन करने से साफ़-साफ़ इनकार कर दिया, जिससे पाकिस्तानी थलसेना पाकिस्तानी वायुसेना पर बहुत नाराज़ हुई।

कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के हवाई गश्ती लड़ाकू विमान उड़ान भरा करते थे, किन्तु वे भारत-पाकिस्तान की हवाई सीमा से काफ़ी पीछे ही रहा करते थे। कभी-कभार भारतीय वायुसेना के हवा से हवा में दृश्य सीमा से आगे तक मार करने वाले घातक आर-77 मिसाइलों से लैस मिग-29 लड़ाकू विमान पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 लड़ाकू विमानों को दबोच भी लिया करते थे, जिससे पाकिस्तानी विमानों को विवश होकर पीछे हटना पड़ता था। पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से कोई खतरा न होने के कारण ही भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी घुसपैठियों के ठिकानों और सप्लाई भंण्डारों पर अनगिनत विनाशकारी हमले करने में सफल रही।

भारत और पाकिस्तान के बीच 2002 के सीमा संकट के समय इस स्थिति में थोड़ा-सा बदलाव आ गया था। स्ट्रैटेजी पेज ने आगे लिखा है — पाकिस्तान के एक सैन्य विशेषज्ञ की राय में पाकिस्तानी नेताओं के मन में यह बात बैठी हुई थी कि पाकिस्तानी वायुसेना पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र की रक्षा करने और भारतीय वायुसेना से सिर्फ़ दिखावे के लिए भी युद्ध करने में असमर्थ है। इसी वजह से पाकिस्तानी नेताओं ने यह चेतावनी दी कि भारत की ओर से कोई भी आक्रमण होने पर पाकिस्तान तुरन्त परमाणु हमला करेगा। इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि कारगिल और 2002 के अनुभवों के बाद पाकिस्तानी वायुसेना का मनोबल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था।

कर्नेगी अन्तरराष्ट्रीय शान्ति कोष द्वारा 2012 में प्रकाशित रिपोर्ट '18 हजार फुट पर हवाई सामर्थ्य : कारगिल युद्ध में भारतीय वायुसेना' में बेंजामिन लैम्बेथ ने इस बात को विस्तार से समझाया है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की थलसेना और वायुसेना, दोनों को किस तरह से बिल्कुल पस्त करके रख दिया था — पूरे कारगिल अभियान के दौरान थलसेनाओं की मुठभेड़ होते समय, जब कभी भारतीय विमान टोह लेने के लिए उड़ान भरते थे या आक्रमण किया करते थे तो पश्चिमी वायुसेना कमान इस बात का ध्यान रखती थी कि नियन्त्रण रेखा पर की जा रही ज़मीनी लड़ाई को रक्षा सम्बन्धी ओट देने के लिए मिग-29 या हवा से हवा में मार करने वाले अन्य लड़ाकू विमान भी हमलावर हवाई गश्त करते रहें ताकि पाकिस्तानी वायुसेना भारतीय थलसेना के वीर लड़ाकों पर हमला करने का साहस न कर सके।

कश्मीर पर सौवाँ वीटो लगाकर रूस ने पश्चिम की हवा निकाल दी थी

नियन्त्रण रेखा से पश्चिम की ओर उड़ान भरने वाले पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 लड़ाकू विमान नियन्त्रण रेखा से 10 से लेकर 20 मील तक की सुरक्षित दूरी पर ही रहा करते थे। वैसे पाकिस्तानी लड़ाकू विमान कभी-कभार नियन्त्रण रेखा से 8 मील तक की दूरी तक भी पहुँच जाया करते थे, किन्तु तब भी ज़मीन पर चल रही लड़ाइयों से वे काफ़ी दूर रहा करते थे।

बेंजामिन लैम्बेथ ने पश्चिमी वायुसेना कमान के तत्कालीन प्रमुख एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) विनोद पाटनी का हवाला दिया है — (कमान के दायित्व में आने वाले पूरे क्षेत्र) में अलग-अलग ऊँचाइयों और समय पर हवाई गश्ती लड़ाकू विमानों की तैनाती पर मेरे ज़ोर दिए जाने के कारण पाकिस्तान को यह सन्देश गया कि मैं बड़ी लड़ाई के लिए तैयार हूँ और इसके लिए उन्हें चारा डाल रहा हूँ। इससे हमें बड़ी सहायता मिली। मतलब हमने तो पाकिस्तानी वायुसेना को चुनौती दी, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का साहस नहीं कर सके।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की ओर से नियन्त्रण रेखा को पार न करने का कड़ा निर्देश होने के कारण भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 लड़ाकू विमानों के साथ कोई हवाई मुठभेड़ नहीं हो सकी। इसके कई साल बाद भारतीय वायुसेना प्रमुख अनिल टिपणिस ने बताया कि उन्होंने 'लड़ाकू विमानों के अपने साथी पायलटों से व्यक्तिगत रूप से कह रखा था कि यदि पाकिस्तानी लड़ाकू विमान उनसे कभी भी हवाई मुठभेड़ में उलझें, तो वे शत्रु के विमानों का पीछा करते हुए उन्हें नियन्त्रण रेखा के पार तक खदेड़ के आएँ और अपने विमान द्वारा नियन्त्रण रेखा पार हो जाने की बिल्कुल परवाह न करें'।

'ऑपरेशन विजय' अभियान

जब पाकिस्तानी घुसपैठियों ने चीन में बने ज़मीन से हवा में मार करने वाले अंज़ा मिसाइल को अपने कन्धे पर रखकर भारतीय वायुसेना के एक टोही विमान पर सीधा निशाना साधा (हालाँकि वह भारतीय टोही विमान बच गया) तो भारतीय वायुसेना ने हिमालय की चोटियों को घुसपैठियों से मुक्त कराने के लिए आपरेशन विजय प्रारम्भ किया। जिन क्षेत्रों से द्रास, कारगिल और बटालिक पर निशाना साधा जा सकता था, वहाँ स्थित घुसपैठियों के शिविरों, भण्डारों और सप्लाई मार्गों पर 26 मई 1999 को सुबह-सवेरे मिग-21, मिग-23 और मिग-27 लड़ाकू विमानों से ताबड़तोड़ छह आक्रमण किए गए।

भारत की मिसाइल सुरक्षा प्रणाली से पाकिस्तान भारी दबाव में

श्रीनगर स्थित मिग-21बीआईएस स्क्वाड्रन की सहायता के लिए अतिरिक्त मिग-21एम, मिग-23बीएन और मिग-27एमएल स्क्वाड्रनों को तैनात किया गया। इसके अलावा मिग-21एम और मिग-29 लड़ाकू विमानों की कुछ अतिरिक्त स्क्वाड्रनों को अवन्तीपुर से उत्तर की ओर भी तैनात किया गया था।

मिग-29 लड़ाकू विमानों से डरने के कारण पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों ने पास फटकने तक का साहस नहीं किया। भारतीय वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमान ज़मीनी हमलों की कार्रवाई में लगे रहे।

कारगिल युद्ध में भारतीय जुगाड़ का भी एक अनुपम उदाहरण देखने को मिला। मिग-21 विमानों में जटिल मार्ग-निर्देशन सुविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं, इसलिए उनके पायलटों ने अपने कॉकपिट में स्टापवाच और हाथ में पकड़े जाने वाले जीपीएस रिसीवरों का उपयोग किया। 'पर्वतीय युद्धपद्धति तथा तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान' नामक अपने लेख में प्रसून के० सेनगुप्ता ने लिखा है कि कारगिल अभियान में भारतीय वायुसेना ने एक और अभिनव तकनीक विकसित की, जिसके अन्तर्गत वे ऐसे बिन्दुओं का चयन करते थे, जहाँ पर चोट करने से भूस्खलन और हिमस्खलन पैदा होता था और उनके कारण घुसपैठियों की सप्लाई लाइनें बन्द हो जाया करती थीं।

एयर मार्शल विनोद पाटनी ने बताया कि उनका एक नौजवान पायलट अपने लड़ाकू विमान में छोटा-सा वीडियो कैमरा लेकर गया और उसने सम्बन्धित इलाके की वीडियोग्राफी कर ली। इससे हमें तत्काल एक विस्तृत टोही रिपोर्ट उपलब्ध हो गई थी। उन्होंने एक और घटना की चर्चा की, जिसके अन्तर्गत भारतीय वायुसेना ने सामान्यतः 80 हजार फुट की ऊँचाई पर उड़ान भरने वाले मिग-25आर लड़ाकू विमानों को मध्यम ऊँचाइयों पर उड़ाया ताकि उससे खींचे जाने वाले चित्रों की गुणवत्ता में सुधार आए। यह एक ऐसा प्रयास था, जिसके बारे में इस विमान के रूसी डिजाइनरों ने भी शायद ही कभी सोचा होगा।

रूस-भारत रिश्तों की शुरूआत कैसे हुई थी?

लेजर आघात

मिग-21, मिग-23 तथा मिग-27 लड़ाकू विमान आधुनिक हथियारों से लैस नहीं थे। इस कारण शत्रु के ठिकानों का पता लगाने में उन्हें काफ़ी परेशानी हो रही थी। मिग-23 और मिग-27 लड़ाकू विमानों के पायलट हाथ से बम गिराने की कार्रवाई के अभ्यस्त थे, किन्तु हिमालय के लगभग निर्जन वातावरण में यह रणनीति कारगर नहीं थी। इस स्थिति में भारतीय वायुसेना ने दिन-रात हर समय काम करने वाले लेजर-निर्देशित बमवर्षक थैलियों से लैस मिराज 2000एच लड़ाकू विमानों की तैनाती की।

24 जून को दो मिराज 2000एच लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान की उत्तरी हलकी पैदलसेना के कमान और नियन्त्रण बंकरों पर धावा बोलकर उन्हें नष्ट कर दिया। भारतीय वायुसेना ने लेजर-निर्देशित बमों का इससे पहले युद्ध में कभी उपयोग नहीं किया था। बेंजामिन लैम्बेथ के अनुसार — इस महत्वपूर्ण हमले के लिए भारत की वायुसेना ने इसका इन्तज़ार किया कि पाकिस्तानी शिविर का आकार इतना बढ़ जाए कि उस पर मिराज विमानों द्वारा हमला करने से भारत को बड़ा सामरिक लाभ मिले।

भारतीय वायुसेना ने 1999 के अन्त में बताया था कि इस हमले में कुछ ही मिनट के भीतर शत्रु के 3 सौ सैनिक मारे गए थे। 'भारतीय वायुसेना की कार्रवाइयाँ' नामक अपनी पुस्तक में डी०एन० गणेश ने लिखा है  — भारतीय गुप्तचरों ने पाकिस्तानियों की आपसी बातचीत सुनी, जिससे यह पता चला कि पाकिस्तानी घुसपैठियों के सामने रसद, पानी, दवाइयों और गोला-बारूद की भयंकर दिक्कत  आ  गई थी। इसके अलावा वे अब अपने घायल साथियों को भी वापस नहीं भेज पा रहे थे।

शह या मात?

भारतीय वायुसेना की कार्रवाई कितनी प्रभावशाली थी, इसका अन्दाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन विदेशमन्त्री सरताज अजीज़ 12 जून को नई दिल्ली पहुँचे और उन्होंने भारतीय वायुसेना से यह भीख मांगी कि 'हवाई हमले तुरन्त रोक दीजिए'। पाकिस्तान के लिए इससे अधिक निराशा की बात और क्या हो सकती थी।

20 साल पहले पाकिस्तान को दहलाने वाला मिग-25 टोही विमान

हालाँकि कारगिल युद्ध को लेकर सबसे प्रभावशाली वक्तव्य भारत के तत्कालीन रक्षामन्त्री जार्ज फर्नाण्डीज ने दिया था। जनवरी 2000 में उन्होंने कहा था — कारगिल युद्ध की नादानी शुरू करते समय पाकिस्तान 'परमाणु शक्ति सम्पन्नता का वास्तविक मतलब नहीं समझ पाया था कि वह केवल परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को ही रोक सकता है, दूसरी क़िस्म की लड़ाइयों को नहीं’।

इस पृष्ठभूमि में जब वर्तमान वायुसेनाध्यक्ष कहते हैं कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ‘कुछ अन्य विकल्पों’ की ओर भी देख सकता है, तो इसे डींग मारने वाले बयान के रूप में नहीं लेना चाहिए।

पिछले अनुभवों को देखते हुए हमें यह उम्मीद करनी चाहिए कि आगे कुछ और नया देखने को मिल सकता है।

इस लेख में व्यक्त विचार उनके निजी विचार हैं।

यह लेख पहली बार 2013 में रूस-भारत संवाद की अँग्रेज़ी वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ था।​

इस लेख का सर्वाधिकार ’रस्सीस्कया गज़्येता’ के पास सुरक्षित है।​

क्या भारत रूसी हथियारों से पाकिस्तान पर झटपट हमला कर सकता है?

Читайте на сайте


Smi24.net — ежеминутные новости с ежедневным архивом. Только у нас — все главные новости дня без политической цензуры. Абсолютно все точки зрения, трезвая аналитика, цивилизованные споры и обсуждения без взаимных обвинений и оскорблений. Помните, что не у всех точка зрения совпадает с Вашей. Уважайте мнение других, даже если Вы отстаиваете свой взгляд и свою позицию. Мы не навязываем Вам своё видение, мы даём Вам срез событий дня без цензуры и без купюр. Новости, какие они есть —онлайн с поминутным архивом по всем городам и регионам России, Украины, Белоруссии и Абхазии. Smi24.net — живые новости в живом эфире! Быстрый поиск от Smi24.net — это не только возможность первым узнать, но и преимущество сообщить срочные новости мгновенно на любом языке мира и быть услышанным тут же. В любую минуту Вы можете добавить свою новость - здесь.




Новости от наших партнёров в Вашем городе

Ria.city
Музыкальные новости
Новости России
Экология в России и мире
Спорт в России и мире
Moscow.media









103news.com — быстрее, чем Я..., самые свежие и актуальные новости Вашего города — каждый день, каждый час с ежеминутным обновлением! Мгновенная публикация на языке оригинала, без модерации и без купюр в разделе Пользователи сайта 103news.com.

Как добавить свои новости в наши трансляции? Очень просто. Достаточно отправить заявку на наш электронный адрес mail@29ru.net с указанием адреса Вашей ленты новостей в формате RSS или подать заявку на включение Вашего сайта в наш каталог через форму. После модерации заявки в течении 24 часов Ваша лента новостей начнёт транслироваться в разделе Вашего города. Все новости в нашей ленте новостей отсортированы поминутно по времени публикации, которое указано напротив каждой новости справа также как и прямая ссылка на источник информации. Если у Вас есть интересные фото Вашего города или других населённых пунктов Вашего региона мы также готовы опубликовать их в разделе Вашего города в нашем каталоге региональных сайтов, который на сегодняшний день является самым большим региональным ресурсом, охватывающим все города не только России и Украины, но ещё и Белоруссии и Абхазии. Прислать фото можно здесь. Оперативно разместить свою новость в Вашем городе можно самостоятельно через форму.

Другие популярные новости дня сегодня


Новости 24/7 Все города России



Топ 10 новостей последнего часа



Rss.plus


Новости России







Rss.plus
Moscow.media


103news.comмеждународная интерактивная информационная сеть (ежеминутные новости с ежедневным интелектуальным архивом). Только у нас — все главные новости дня без политической цензуры. "103 Новости" — абсолютно все точки зрения, трезвая аналитика, цивилизованные споры и обсуждения без взаимных обвинений и оскорблений. Помните, что не у всех точка зрения совпадает с Вашей. Уважайте мнение других, даже если Вы отстаиваете свой взгляд и свою позицию.

Мы не навязываем Вам своё видение, мы даём Вам объективный срез событий дня без цензуры и без купюр. Новости, какие они есть — онлайн (с поминутным архивом по всем городам и регионам России, Украины, Белоруссии и Абхазии).

103news.com — живые новости в прямом эфире!

В любую минуту Вы можете добавить свою новость мгновенно — здесь.

Музыкальные новости




Спорт в России и мире



Новости Крыма на Sevpoisk.ru




Частные объявления в Вашем городе, в Вашем регионе и в России