फ़ेसबुक जैसी रूसी सोशल वेबसाइट ’फ़कन्ताक्ते’ की सफलता का राज़
रूस में फ़ेसबुक लोकप्रिय नहीं है, ’फ़कन्ताक्ते’ नामक सोशल वेबसाइट बेहद लोकप्रिय है
अक्तूबर 2006 में जब रूस के साँक्त पितेरबुर्ग (सेण्ट पीटर्सबर्ग) विश्वविद्यालय के 22 वर्षीय पूर्व छात्र पाविल दूरफ़ ने ВКонтакте (’फ़कन्ताक्ते’ यानी सम्पर्क में रहो) नामक एक नई वेबसाइट शुरू करने की घोषणा की, तब रूस में आम जनता के बीच सोशल वेबसाइट लोकप्रिय होना शुरू ही हुई थीं। तब तक फ़ेसबुक का सिर्फ़ अँग्रेज़ी संस्करण ही आया था और उसका रूसी संस्करण नहीं बना था। लेकिन तब मार्च 2006 में रूस में शुरू हुई ’अद्नाक्लासनिकी’ (Одноклассники) नामक एक सोशल वेबसाइट बेहद लोकप्रिय हो चुकी थी। परन्तु ’अद्नाक्लासनिकी’ (सहपाठी) नामक यह वेबसाइट बड़ी उम्र के या वयस्क इण्टरनेट उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई थी।
पाविल दूरफ़ की वेबसाइट ’फ़कन्ताक्ते’ ने कुछ ही सालों में रूसी संजाल बाज़ार की स्थिति को एकदम बदल दिया। ’फ़कन्ताक्ते’ ने ’अद्नाक्लासनिकी’ को पीछे ढकेल दिया। यहाँ तक कि फ़ेसबुक के रूसी संस्करण के आने के बाद भी फ़ेसबुक रूसी बाज़ार में लोकप्रिय नहीं हो पाई। ’फ़कन्ताक्ते’ ने रूसी सामाजिक वेबसाइट नेटवर्क पर आज भी पूरी तरह से कब्ज़ा बना रखा है। पूरी दुनिया में सात करोड़ लोग नियमित रूप से ’फ़कन्ताक्ते’ वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं। ’सिमिलरवेब’ नामक विश्लेषक एजेन्सी के अनुसार, उपयोगकर्ताओं की संख्या की दृष्टि से ’फ़कन्ताक्ते’ पूरी दुनिया की पाँचवी बड़ी वेबसाइट है। लेकिन ’अलेक्स इण्टरनेट’ नामक कम्पनी की नज़र में ’फ़कन्ताक्ते’ दुनिया की 16 वें नम्बर की वेबसाइट है।
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फ़ेसबुक की नक़ल या अनूठी रूसी परियोजना?
फ़ेसबुक की तरह ही ’फ़कन्ताक्ते’ वेबसाइट भी शुरू में सिर्फ़ छात्रों के लिए आरम्भ की गई थी। पाविल दूरफ़ चाहते थे कि एक ऐसी वेबसाइट बनाएँ, जिसमें छात्रों से परीक्षाओं के दौरान पूछे जाने वाले सभी सवालों के उत्तर सुरक्षित रह जाएँ और सभी रूसी विश्वविद्यालयों के छात्र उनका इस्तेमाल कर सकें। हालाँकि उन्होंने यह वेबसाइट शुरू में सिर्फ़ अपने विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए ही बनाई थी।
नीली-सफ़ेद पृष्ठभूमि वाली इस सोशल वेबसाइट पर जो छात्रों के इस्तेमाल के लिए बनाई गई थी, यह आरोप लगाया गया कि वह फ़ेसबुक की नक़ल है। ’माशएबल’ नामक वेबसाइट ने 2007 व्यंग्य करते हुए लिखा था — रूसी फ़ेसबुक इस तथ्य को छिपाने की कोशिश कर रही है कि वह फ़ेसबुक का क्लोन है। ’फ़कन्ताक्ते डॉट रू’ एकदम फ़ेसबुक के डिजाइन से ही मिलती-जुलती वेबसाइट है। पाविल दूरफ़ ने भी यह बात मानी कि अपनी वेबसाइट बनाते हुए उन्होंने ज़ुकेरबर्ग की वेबसाइट का अध्ययन किया था। लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी यह परियोजना फ़ेसबुक से अलग है और फ़ेसबुक से ज़्यादा आधुनिक है।
निःशुल्क उपयोग और युवा वर्ग पर ज़ोर
रूसी मानविकी राजकीय विश्वविद्यालय के टेलीविजन, रेडियो और इण्टरनेट तकनीक विभाग के विशेषज्ञ मक्सीम कोरनिफ़ का कहना है — निश्चय ही शुरू में ’फ़कन्ताक्ते’ नामक यह रूसी वेबसाइट फ़ेसबुक का क्लोन जैसी लगती थी, लेकिन बाद में यह वेबसाइट न केवल देखने में, बल्कि अपने काम-धाम में भी फ़ेसबुक से एकदम अलग और दीवानगी की हद तक रूसी वेबसाइट बन गई। मक्सीम कोरनिफ़ का मानना है कि ’फ़कन्ताक्ते’ का निशुल्क उपयोग और उसमें पोस्ट की जाने वाली ज़्यादातर सामग्री ही रूसी इण्टरनेट बाज़ार में ’फ़कन्ताक्ते’ की लोकप्रियता का बड़ा कारण रहे हैं। ’फ़कन्ताक्ते’ में उपलब्ध संगीत, फ़िल्में, पोर्नोग्राफ़ी आदि सभी सामग्रियों का निशुल्क उपयोग किया जा सकता है। जबकि फ़ेसबुक में ऐसा नहीं है।
इसके अलावा ’फ़कन्ताक्ते’ की लोकप्रियता का एक कारण यह रहा कि उसका ध्यान छात्रों, स्कूली विद्यार्थियों और युवा-वर्ग को आकर्षित करने की ओर है। मीडिया बिजनेस रोएम डॉट रू नामक वेबसाइट के संस्थापक यूरी सिनोदफ़ ने कहा — जहाँ तक फ़ेसबुक की बात है तो उसका रूसी संस्करण सन् 2008 में शुरू हुआ था और शुरू में वह बहुत ख़राब ढंग से काम करता था। फ़ेसबुक की वेबसाइट कम्प्यूटर पर बहुत धीरे-धीरे लोड हुआ करती थी। मोबाइल टेलिफ़ोन पर तो उसका इस्तेमाल करना ही मुश्किल था। जबकि ’फ़कन्ताक्ते’ वेबसाइट बहुत तेज़ थी। इसलिए उसकी लोकप्रियता बनी रही।
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पाविल दूरफ़ के बाद
सन् 2006 में ’फ़कन्ताक्ते’ वेबसाइट की स्थापना करने के बाद उसके न केवल उसके संस्थापक और महानिदेशक रहे, बल्कि उसकी पूरी रूपरेखा और साज-सज्जा के लिए भी ज़िम्मेदार रहे पाविल दूरफ़ ने 2014 में ’फ़कन्ताक्ते’ में अपनी हिस्सेदारी को बेच दिया और उससे अलग हो गए। उन्होंने बताया कि रूसी गुप्तचर संस्था एफ़एसबी (फ़ेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो) उक्राइना में हुए सत्ता पलट के सिलसिले में उनसे ’फ़कन्ताक्ते’ वेबसाइट के उपयोगकर्ताओं से जुड़ी निजी जानकारियाँ मांग रही है और वे इस तरह की सूचनाएँ गुप्तचर संस्थाओं को उपलब्ध कराने के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए वे इस वेबसाइट से अलग हो रहे हैं। पाविल दूरफ़ इसके बाद रूस को छोड़कर चले गए और वे टेलिग्राम नामक सन्देश सेवा के लिए काम करने लगे।
लेकिन ’फ़कन्ताक्ते’ के नए संचालकों ने वेबासाइट पर ग़ैरकानूनी ढंग से पोस्ट की जाने वाली ऑडियो और विडियो सामग्री को हटाने की नीति अपनानी शुरू कर दी। उसी समय ’फ़कन्ताक्ते’ ने यह भी कोशिश की कि रूसी सोशल वेबसाइट बाज़ार में उसकी लोकप्रियता जैसी की तैसी बनी रहे। इसके लिए 2015 की गर्मियों में ’फ़कन्ताक्ते’ ने इंस्टाग्राम की तरह का ही स्नैपस्टार नामक एक एप शुरू किया और गूगल के इंस्टाग्राम को उसने ब्लोक करना शुरू कर दिया।
गिरफ़्तारियाँ और हंगामे
रूसी गुप्तचर संस्था एफ़एसबी (फ़ेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो) द्वारा माँगी गई जानकारियों पर पाविल दूरफ़ की नाराज़गी ही रूसी कानून रक्षा संस्थाओं और ’फ़कन्ताक्ते’ के बीच आपसी सम्पर्क की एकमात्र घटना नहीं रही। रूसी सूचना-विश्लेषण केन्द्र ’सवा’ के निदेशक अलिक्सान्दर विरख़ोफ़स्की के अनुसार, उग्रवाद से जुड़ी कानूनी धाराओं के अन्तर्गत रूसी अदालतों में दिए जाने वाले 80-90 प्रतिशत फैसले उन पोस्टों से जुड़े होते हैं, जो ’फ़कन्ताक्ते’ के उपयोगकर्ता अपनी वेबसाइट में पोस्ट करते हैं। 2015 में ऐसे 500 से ज़्यादा मामले सामने आए थे।
’फ़कन्ताक्ते’ वेबसाइट के संचालक और प्रशासक रूसी हैं, इसलिए रूस की पुलिस भी अक्सर उनसे पूछताछ करती है और ’फ़कन्ताक्ते’ के उपयोगकर्ताओं पर अधिक नज़र रखती है — अलिक्सान्दर विरख़ोफ़स्की ने कहा — फ़ेसबुक और ट्वीटर के संचालक दूसरे देशों में बैठे हुए हैं। वे रूस की पुलिस द्वारा की जाने वाली पूछताछ का तुरन्त जवाब नहीं देते और रूस की पुलिस के साथ कम से कम सहयोग करते हैं। इसलिए ’फ़कन्ताक्ते’ में इस तरह की बातें कहना या इस तरह के विचार प्रकट करना ख़तरे से ख़ाली नहीं होता, जो रूसी कानूनों के अनुसार अपराध की श्रेणी में आ सकते हैं और जिनपर रूसी कानूनों के अनुसार विवाद पैदा हो सकता है।
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