रूसी रोबोट फ़्योदर अन्तरिक्ष यात्रियों का सहयोगी
मानव-शरीर की तरह का यह नई क़िस्म का रोबोट 2021 में अन्तरिक्ष में काम करने लगेगा
रूस में बनाया गया एक नई क़िस्म का रोबोट रूसी अन्तरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर अन्तरिक्ष में काम किया करेगा। विगत अक्तूबर माह के अन्त में रूस में रक्षा परियोजनाओं और अन्तरिक्ष परियोजनाओं पर अमल के लिए ज़िम्मेदार रूस के उपप्रधानमन्त्री दिमित्री रगोज़िन ने इस रोबोट के बारे में जानकारी दी।
इस रोबोट के आविष्कारकों द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार, मनुष्य की तरह का यह बहुआयामी रोबोट फ़्योदर सन् 2021 में अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में काम करना शुरू कर देगा। यह रोबोट ख़ुद सभी तरह के फ़ैसले कर सकता है और न सिर्फ़ अन्तरिक्ष में बल्कि आपात्कालीन परिस्थितियों में ज़मीन पर भी काम कर सकता है।
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मनुष्य से ज़्यादा बेहतर
रूस-भारत संवाद से बात करते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विकास केन्द्र और बुनियादी रोबोट तकनीक केन्द्र के प्रमुख और इस परियोजना के संचालक सिर्गेय ख़ूर्स ने कहा – अब अन्तरिक्ष यानों में, खुले अन्तरिक्ष में और अन्य ग्रहों पर काम करने के लिए अन्तरिक्ष विशेषज्ञ रोबोटों की मदद लिया करेंगे। इनमें से उन रोबोटों की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो मनुष्य की तरह वे सारे काम कर सकते हैं, जिन्हें मनुष्य पूरा करता है। ये न केवल मनुष्य की तरह हर तरह के काम कर सकते हैं, बल्कि मनुष्य से भी बेहतर ढंग से सारे काम करने में सक्षम हैं।
सिर्गेय ख़ूर्स ने कहा – इन मानवरूपी रोबटों को काम करने के लिए विशेष यन्त्र-उपकरणों की या परिवहन के साधनों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। ये रोबोट रोज़मर्रा के काम के साथ-साथ सारा भारी और खतरनाक काम भी अपने ऊपर ले लेंगे और मनुष्य अपनी अक़्ल और ताक़त का इस्तेमाल दूसरे अधिक गम्भीर कामों में कर सकेगा।
सिर्गेय ख़ूर्स ने बताया – मानव की जगह मानवरूपी रोबोटों से काम कराने की योजना पर अमल करने में कुल ढाई साल का समय लगा। अग्रिम अनुसन्धान कोष ने हमारी इस योजना में मदद की और ’एण्ड्रायड टैक्नीक’ कम्पनी ने इस योजना को पूरा किया। रोबोट फ़्योदर का निर्माण करने के दौरान नई तरह की 14 तकनीकों का आविष्कार भी किया गया, जो सेंसर सम्पर्क के आधार पर सँयुक्त नियन्त्रण की बुनियाद बनीं।
सिर्गेय ख़ूर्स का मानना है कि फ़्योदर नामक यह रोबोट उन सभी कामों में मनुष्य की जगह ले सकता है, जो मनुष्य के जीवन और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं। मानवरूपी यह रोबोट उन सभी परिस्थितियों में और उन सभी जगहों पर काम कर सकता है, जहाँ-जहाँ मनुष्य काम कर सकता है।
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रोबोटों को अधिक सतर्क रहना होगा
फ़्योदर की तरह के कुछ रोबोट पहले ही अन्तरिक्ष में काम कर रहे हैं। इनमें रूसी रोबोट सार-400 और सार-401, अमरीकी रोबोनॉट और रोबोनॉट-2, जर्मनी का रोबोट आइला और चीनी रोबोट श्याओयांग प्रमुख हैं। इनके अलावा अमरीकी अन्तरिक्ष एजेन्सी नासा ने वलकीरिया नामक एक रोबोट भी बनवाया है, जिसे मंगल ग्रह की लम्बी यात्रा पर भेजने की तैयारियाँ की जा रही हैं। इस तरह के एण्ड्रायड रोबोटों का इस्तेमाल मंगल ग्रह पर बस्तियाँ बसाने के लिए मज़दूरों के रूप में किया जाएगा। रूसी रोबोट फ़्योदर बचावकर्मी, विस्फ़ोटकनाशक कर्मी, गोताखोर और वैल्डर के रूप में भी काम कर सकता है। ’एण्ड्रायड टैक्नीक’ कम्पनी ने यह पाँचवी तरह का एण्ड्रायड रोबोट बनाया है। सिर्गेय ख़ूर्स ने बताया कि इससे पहले यह कम्पनी रूस के आपदा राहत विभाग के लिए चार तरह के रोबोटों का निर्माण कर चुकी है। रॉकेट अन्तरिक्ष कारपोरेशन ’एनेर्गिया आजकल एक ऐसी प्रयोगशाला का निर्माण कर रहा है, जहाँ रोबोट फ़्योदर की पहली अन्तरिक्ष उड़ान से जुड़े उद्देश्यों और ज़िम्मेदारियों को सुनिश्चित किया जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों से अन्तररष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन पर किए जाने वाले अनुसन्धानों में मनुष्य के साथ-साथ रोबोट भी भाग ले रहे हैं और दीर्घकालीन उड़ानों के समय अन्तरिक्ष यात्रियों और रोबोटों के बीच आपसी सहयोग बेहद ज़रूरी हो गया है। अब वैज्ञानिक रोबोटों को और अधिक सक्षम तथा ख़तरों के प्रति और अधिक सम्वेदी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। रोबोटों को अब मनुष्य से भी ज़्यादा सावधान और ज़्यादा सतर्क बनना होगा। जब ऐसे रोबोट बना लिए जाएँगे तो एण्ड्रायड रोबोटों को यह सिखाया जाएगा कि वे कैसे पर्यावरण दूषण फैलाने से बचें, वे कैसे एक जगह से दूसरी जगह आएँ-जाएँ और अन्तरिक्ष यान की सीमित जगह में कैसे काम करें।
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