अपेक शिखर सम्मेलन में पूतिन और ओबामा की मुलाक़ात
अमरीका में हाल ही में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों और इन चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत की पृष्ठभूमि में लीमा में विगत 19-20 नवम्बर को एशियाई प्रशान्त महासागरीय आर्थिक सहयोग संगठन यानी अपेक का शिखर-सम्मेलन हुआ। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनाव-प्रचार के दौरान बार-बार यह बात दोहराई कि रूस के साथ टकराव की नीति अपनाने की जगह उसके साथ सहयोग करने की ज़रूरत है। इसलिए कुछ लोगों ने यह अन्दाज़ा लगाना भी शुरू कर दिया कि डोनाल्ड ट्रम्प की जीत में रूस का हाथ है। रूस के साथ रिश्तों में बराक ओबामा सरकार द्वारा उठाए गए कठोर क़दमों और दुस्साहसिक बयानबाज़ी की वजह से अमरीका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पेरू की राजधानी लीमा में व्लदीमिर पूतिन और बराक ओबामा की मुलाक़ात को लेकर लोगों में एक विशेष दिलचस्पी पैदा हो गई थी।
शिखर-सम्मेलन के पहले ही दिन व्लदीमिर पूतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पिस्कोफ़ ने कहा कि सम्मेलन के दौरान दो देशों के राष्ट्रपतियों की कोई विशेष मुलाक़ात तय नहीं की गई है, इसलिए यदि दोनों के बीच कोई मुलाक़ात होगी भी तो यह भेंट घूमते-फिरते हो सकती है या शिखर-सम्मेलन के किसी ऐसे सत्र में हो सकती है, जिसमें रूस और अमरीका के राष्ट्रपतियों सहित एशियाई प्रशान्त महासागरीय आर्थिक सहयोग संगठन यानी अपेक के सदस्य देशों के सभी नेता भाग ले रहे होंगे। शनिवार को पूतिन-ओबामा की मुलाक़ात नहीं हुई। लेकिन रविवार को दोनों नेताओं की दो देशों के राष्ट्रपतियों के रूप में, शायद, अन्तिम बार मुलाक़ात हो ही गई।
राष्ट्रपति ट्रम्प से किसी चमत्कार की आशा नहीं
ओबामा को रूस आने का निमन्त्रण
शिखर-सम्मेलन के एक सत्र के दौरान दोनों नेताओं ने कुछ ही मिनट के लिए एक-दूसरे से बातचीत की। जल्दी ही इण्टरनेट में इस मुलाक़ात का विडियो भी सामने आ गया। बाद में, शिखर-सम्मेलन की समाप्ति के बाद, व्लदीमिर पूतिन ने एक पत्रकार-सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बताया — हालाँकि पिछले कुछ सालों में हमारे बीच बातचीत और एक-दूसरे के साथ काम करना मुश्किल हो गया था, लेकिन इसके बावजूद हमने एक-दूसरे को यह विश्वास दिलाया कि हम एक-दूसरे की बड़ी इज़्ज़त करते हैं। व्लदीमिर पूतिन ने बीते सालों में मिलकर किए गए काम के लिए बराक ओबामा के प्रति आभार व्यक्त किया और उनसे कहा कि अगर वे कभी रूस आना चाहें, तो उन्हें रूस में उनका स्वागत करके बड़ी ख़ुशी होगी।
वहीं बराक ओबामा ने व्लदीमिर पूतिन के साथ हुई अपनी इस संक्षिप्त मुलाक़ात का विवरण बताते हुए कहा कि उन्होंने पूतिन से उक्रईना सम्बन्धी मिन्स्क समझौतों की पूर्ति करने का आग्रह किया ताकि जनवरी-2017 में व्हाइट हाउस से उनके रवाना होने से पहले-पहले उक्रईना संकट का समाधान हो जाए। बराक ओबामा ने बताया कि उन्होंने व्लदीमिर पूतिन से यह भी अनुरोध किया कि सीरियाई नगर हैलाब (अलेप्पो) में मानवीय युद्ध-विराम करने की ज़रूरत है और इस समस्या का भी राजनीतिक समाधान किया जाना चाहिए।
गरम हम्माम में मेहमाननवाज़ी
बराक ओबामा से मुलाक़ात करने के अलावा व्लदीमिर पूतिन ने लीमा में कुछ अन्य देशों के नेताओं से भी लम्बी-लम्बी मुलाक़ातें कीं। ख़ासकर जापान और फ़िलीपिन के नेताओं से हुई मुलाक़ातों ने पत्रकारों का ध्यान आकर्षित किया।
जापान के प्रधानमन्त्री शिन्द्ज़ो अबे के साथ व्लदीमिर पूतिन की मुलाक़ात बड़ी आत्मीय रही। दोनों नेता एक-दूसरे को ’तुम’ कहकर सम्बोधित कर रहे थे। व्लदीमिर पूतिन की आगामी दिसम्बर के लिए तय जापान-यात्रा की चर्चा करते हुए प्रधानमन्त्री अबे ने कहा कि जापान में ’गर्म हम्माम में पारम्परिक मेहमाननवाज़ी के साथ’ उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। यह माना जा रहा है कि वहाँ जापान पूतिन के सामने कुरील द्वीप समूह के सवाल पर कुछ नए प्रस्ताव रखेगा और दोनों देशों के नेता इस सवाल पर विस्तार से बातचीत करेंगे।
शंघाई सहयोग संगठन की बिश्केक बैठक में आपसी सहयोग बढ़ाने का संकल्प
लीमा में रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन ने फ़िलीपिन के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे से पहली बार मुलाक़ात की, जो अपने विवादास्पद बयानों के लिए सारी दुनिया में मशहूर हैं। लेकिन इस भेंट में फ़िलीपिन के राष्ट्रपति ने ऐसी कोई बात नहीं कही, जिसको लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो। उन्होंने तो सिर्फ़ पूतिन की नेतृत्वकारी विशेषताओं की तारीफ़ की और पश्चिमी देशों की इसके लिए लानत-मलामत की कि वे छोटे देशों को डराकर रखने की कोशिश करते हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों की इन कोशिशों को उनके ’पाखण्ड का सबूत’ बताया। रूसी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और लोक प्रशासन अकादमी के एशियाई प्रशान्त महासागरीय इलाके के देशों सम्बन्धी रूसी विशेषज्ञ ग्लेब इवशेन्त्सफ़ ने व्लदीमिर पूतिन और रोड्रिगो डुटेर्टे की इस मुलाक़ात को एक महत्वपूर्ण मुलाक़ात बताया क्योंकि पहले अमरीकी प्रभाव-क्षेत्र में माना जाने वाला यह देश अब रूस और चीन के साथ अपने रिश्तों का विकास करना चाहता है। रूस-भारत संवाद से बात करते हुए ग्लेब इवशेन्त्सफ़ ने कहा कि दस करोड़ की जनसंख्या वाला यह देश दुनिया का एक बड़ा अच्छा बाज़ार है।
ग्लेब इवशेन्त्सफ़ ने कहा कि एशियाई प्रशान्त महासागरीय आर्थिक सहयोग संगठन (अपेक) का यह शिखर सम्मेलन ख़ुद अपेक के विकास के लिए बड़ा महत्व रखता है क्योंकि प्रशान्त महासागरीय पारगमन व्यापारिक सन्धि की अमरीकी परियोजना का भविष्य अभी तक अनिश्चित है। डोनाल्ड ट्रम्प यह ऐलान कर चुके हैं कि वे इस सन्धि का समर्थन नहीं करेंगे। इस सिलसिले में एशियाई प्रशान्त महासागरीय आर्थिक सहयोग संगठन (अपेक) के इलाके में मुक्त व्यापार क्षेत्रों का विकास करने की नई सम्भावनाएँ सामने आ रही हैं। रूस अपेक के इलाके में मुक्त व्यापार क्षेत्रों के निर्माण का पूरा-पूरा समर्थन करेगा क्योंकि उसे प्रशान्त महासागरीय पारगमन व्यापारिक सन्धि से जुड़ने के लिए आमन्त्रित नहीं किया गया है।
सीरिया में आतंकवादियों पर रूस क़हर बरपा रहा है