रूसी टैंकों के गोलों का उत्पादन अब भारत में होगा
रूसी कम्पनी ’तेख़मश’ ने रूसी हथियारों का निर्यात करने वाली रूसी कम्पनी ’रोस-अबारोन-एक्सपोर्त’ के साथ मिलकर भारत में रूसी टैंकों के गोलों का उत्पादन करने वाली फ़ैक्टरी का निर्माण-कार्य पूरा कर दिया है।
रूस ने इस फ़ैक्टरी में काम करने के लिए भारतीय विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षित किया है। फ़ैक्टरी की विभिन्न वर्कशाप में गोलों का उत्पादन करने वाली मशीनों और तकनीकी उपकरणों की स्थापना का काम भी ख़त्म होने जा रहा है। अब इस फ़ैक्टरी में रूसी टैंकों के लिए गोलों का उत्पादन शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जल्दी ही यहाँ उन टैंकों के लिए गोला-बारूद का उत्पादन होने लगा, जो भारत रूस से ख़रीदता है।
भारत टी-90 नामक रूसी टैंकों का दुनिया में सबसे बड़ा ख़रीददार है। इन टैंकों का उत्पादन करने वाली रूसी कम्पनी ’उराल-वगोन-ज़ावोद’ ने सन् 2010 तक भारत को 600 से ज़्यादा टी-90एस / एसए टैंक बेचे थे। इनमें से 400 टैंकों की जुड़ाई भारत में ही चेन्नई की हैवी व्हीकल्स फ़ैक्टरी में की गई थी। इसके अलावा भारत की सेना के पास क़रीब 2 हज़ार रूस में बने टी-72एम1 टैंक भी हैं।
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