ब्रिक्स देशों की कंपनियाँ रूस की नई स्वर्ण खदान में 50 करोड़ डालर का निवेश करेंगी
रूस में जल्दी ही सोने की एक नई खदान काम करना शुरू कर देगी
सुदूर-पूर्व विकास कोष द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, ब्रिक्स देशों की खनन निवेश कम्पनियाँ रूस के ज़ाबैकाल प्रदेश में स्थित क्ल्यूचेव्स्की स्वर्ण खदान में 50 करोड़ अमरीकी डालर का निवेश करेंगी। ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिणी अफ़्रीका की कम्पनियों और सुदूर-पूर्व विकास कोष के बीच भारत में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षरित समझौते में यह बात कही गई है।
प्रेस रिलीज के अनुसार, कम्पनियों द्वारा इसके लिए एक कम्पनी-समूह की स्थापना की गई है, जो खदान में काम शुरू करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगा। अगले तीन साल के भीतर आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त करने के बाद यह खदान औद्योगिक स्तर पर काम करने लगेगी और सोने की खुदाई करने लगेगी।
इस खदान में निवेश करने वाले कम्पनी-समूह में सोने की खुदाई करने वाली चीनी कम्पनी ’चाइना नेशनल गोल्ड कॉरपोरेशन, भारत की ’सन गोल्ड लिमिटेड’, दक्षिणी अफ़्रीका की ’ट्राँसअफ़्रीका कैपिटल लिमिटेड’ तथा ब्राज़ीली निवेश कोष ’अन्तोनियो दे मोरायेसा’ शामिल हैं। सुदूर-पूर्व विकास कोष भी इस कम्पनी-समूह में 15 प्रतिशत का हिस्सेदार है।
इस परियोजना के अन्तर्गत प्रतिवर्ष 1 करोड़ 20 लाख टन अयस्क का परिशोधन करके साढ़े छह टन सोने का उत्पादन किया जाएगा, जिससे ज़ाबैकाल में 50 प्रतिशत सोने का उत्पादन होने लगेगा। प्रारम्भिक आकलन के अनुसार इस परियोजना पर अमल करके ज़ाबैकाल प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद बढ़कर 65 अरब 80 करोड़ रूबल हो जाएगा। इससे सन 2026 तक प्रदेश के बजट को साढ़े 5 अरब रूबल करों के रूप में मिलेंगे।
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