‘मेरा नाम जोकर’ फ़िल्म की रूसी नायिका की मुम्बई वापसी
रूस की बैले-नर्तकी व अभिनेत्री क्सेनिया रिबीन्किना ने राज कपूर की प्रसिद्ध फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में मरीना के नाम से झूले पर कलाबाजी दिखाने वाली कलाकार की भूमिका की थी। वह भूमिका करने के 46 वर्ष बाद अब वे एक बार फिर से मुम्बई की यात्रा करेंगी। उन्हें सिनेमा के महानतम शो-मैन राज कपूर के जयन्ती कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुम्बई आमन्त्रित किया गया है।
मुम्बई स्थित रूसी सांस्कृतिक केन्द्र मुम्बई की इनलाइटेन (जागृति) फिल्म सोसाइटी के साथ मिलकर आगामी 14 दिसम्बर को राज कपूर की 92वीं जयन्ती पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। राज कपूर के अभिनेता व निर्देशक पुत्र रणधीर कपूर और मस्क्वा (मास्को) स्थित रूसी सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद की निदेशक स्वितलाना रोषिन्का भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगी। कार्यक्रम के बाद राज कपूर की फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ का प्रदर्शन किया जाएगा।
भरतनाट्यम के रूसी गुरु
बल्शोय थियेटर से मुम्बई
71 वर्षीय क्सेनिया रिबीन्किना ने तब मस्कवा के बल्शोय थियेटर में बैले नर्तकी के रूप में काम करना शुरू ही किया था। लेकिन तभी रूस में वे बेहद चर्चित और विख्यात हो गईं क्योंकि उन्होंने राज कपूर की फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में मरीना की अपनी भूमिका की थी। बस, इसी फ़िल्म से उनका फ़िल्मी सफ़र भी शुरू हो गया।
राज कपूर की प्रसिद्ध फ़िल्म ‘मेरा नाम जोकर’ का एक दृश्य। स्रोत : kinopoisk.ru
मस्कवा में रहने वाले भारत विशेषज्ञ व इतिहासकार इवान ग्रीका ने रूस-भारत संवाद को बताया — तब, पिछली सदी के सातवें और आठवें दशक में सोवियत संघ में राज कपूर एक बहुत बड़े फ़िल्मी सितारे माने जाते थे और क्सेनिया रिबीन्किना के लिए सिर्फ़ 25 साल की उम्र में उस महानायक के साथ फ़िल्म करने का मौका मिलना…सचमुच बहुत बड़ी बात थी। उसके बाद क्सेनिया रिबीन्किना के फ़िल्मी सफ़र ने गति पकड़ ली और उन्हें कुल मिलाकर 11 रूसी फ़िल्मों में अभिनय करने का मौका मिला। उस दौर की रूसी अभिनेत्रियों के लिए यह कोई छोटी बात नहीं थी।
भारतीय फ़िल्मी दर्शकों को ‘मेरा नाम जोकर’ फ़िल्म के जरिए रूसी भाषा से पहली बार परिचित होने का मौका मिला था। इस फ़िल्म में राजू (राज कपूर) और मरीना (क्सेनिया रिबीन्किना) के बीच शुरूआती बातचीत हिन्दी और रूसी भाषाओं में हुई है। जैसे-जैसे फ़िल्म आगे बढ़ती है, वे दोनों एक-दूसरे की भाषा को थोड़ा-थोड़ा सीखते जाते हैं।
फ़िल्म में रूसी सर्कस कलाकारों को भारतीयों के साथ बहुत मैत्रीपूर्ण व्यवहार करते दिखाया गया है। साफ़ है कि इसका उद्देश्य भारत-सोवियत मैत्री को बढ़ावा देना था। फ़िल्म में महेन्द्र (धर्मेन्द्र) एक जगह राजू को ‘विस्तार से समझाता’ है कि रूसी लोग “हमारे गहरे दोस्त” हैं और उसे मरीना को यह झूठी आशा नहीं दिलानी चाहिए कि भविष्य में उनका आपसी रिश्ता आगे बढ़ सकता है क्योंकि रूस और भारत के बीच की भौगोलिक दूरी बहुत ज़्यादा है। जब मरीना मस्कवा के लिए रवाना होती है, उस समय राजू तथा मरीना भरे हृदय से एक-दूसरे से विदाई लेते हैं और सान्ताक्रूज हवाई अड्डे की हवाई पट्टी को चूमते हैं।
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टिकट खिड़की पर असफलता
इवान ग्रीका ने कहा — तब पिछली सदी के आठवें दशक की शुरूआत में 1970 में भारतीय दर्शक इतनी ज़्यादा लम्बी फ़िल्म देखने के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे। यह फ़िल्म 255 मिनट लम्बी है। इसलिए ‘मेरा नाम जोकर’ भारत में नहीं चली और टिकट-खिड़की पर असफल हो गई। राज कपूर की आर्थिक स्थिति पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा। हालाँकि सोवियत संघ में यह फ़िल्म ठीक-ठाक चली, लेकिन लोकप्रियता के मामले में यह ‘आवारा’ या ‘श्री 420’ के आस-पास भी नहीं फटक सकी।
इवान ग्रीका ने आगे बताया — हालाँकि समय बीतने के साथ-साथ इस फ़िल्म को भी भारतीय सिनेमा की महान कृतियों में गिना जाने लगा। दुनिया भर के सिनेमा दर्शक आज भी उत्तम निर्माण कला के लिए इस फ़िल्म की सराहना करते हैं।
पिछली सदी के नौवें दशक के दौरान इस फ़िल्म को काट-छाँटकर उसका पहले से काफ़ी छोटा संस्करण जारी किया गया, जिसे भारतीय दर्शकों और फ़िल्म-आलोचकों ने हाथों-हाथ लिया।
क्सेनिया रिबीन्किना की बालीवुड वापसी
2009 में रूसी अभिनेत्री क्सेनिया रिबीन्किना फिर से बालीवुड में लौटीं और उन्होंने ‘चिण्टू जी’ नामक एक फिल्म में अभिनय किया, जो कुछ-कुछ ऋषि कपूर के जीवन की घटनाओं पर आधारित थी।
क्सेनिया रिबीन्किना ने इस फ़िल्म में उजबेकिस्तान के उपराष्ट्रपति की पत्नी की भूमिका निभाई है। फिल्म में वे भारत के एक पूजास्थल पर जाती हैं। वहाँ पर उन्हें याद आता है कि इसी स्थान पर उन्होंने कभी राज कपूर के साथ फिल्म की शूटिंग की थी। ऋषि कपूर ने इस फ़िल्म में एक छुटभैये राजनेता की भूमिका निभाई है।
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राज कपूर के दूसरे पुत्र ऋषि कपूर ने ‘मेरा नाम जोकर’ में जो भूमिका की थी, उसकी फिल्म-समीक्षकों ने भी भूरि-भूरि प्रशंसा की थी। क्सेनिया रिबीन्किना से ऋषि कपूर की भेंट इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही हुई थी।
ऋषि कपूर ने समाचारपत्र ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ को बताया — ’मेरा नाम जोकर’ के समय हम दोनों ही बहुत छोटे थे। ‘चिण्टू जी’ की शूटिंग के दौरान हमने बीते दिनों के बारे में ढेर सारी बातें कीं।
क्सेनिया रिबीन्किना ने ’इण्डियन एक्सप्रेस’ से कहा — जब मेरे पास ‘चिण्टू जी’ में काम करने का प्रस्ताव आया, तो मैं उस फ़िल्म में अभिनय करने से कहीं ज्यादा ऋषि कपूर से मिलने को उत्सुक थी।
क्सेनिया रिबीन्किना ने 2009 में बनी ‘चिण्टू जी’ नामक फ़िल्म में एक बीमार स्त्री की भूमिका की है। वैसे उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है और वे आज भी रूस में बैले-नर्तकियों व अभिनेताओं को मार्गदर्शन देती रहती हैं।
रूस और पूर्व सोवियत संघ के अधिकांश हिस्सों में रहने वाले पुरानी पीढ़ी के लोग आज भी राज कपूर को एक सांस्कृतिक नायक के रूप में देखते हैं। इसलिए फ़िल्म समीक्षकों का मानना है कि राज कपूर की जयन्ती पर मुम्बई में आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम में क्सेनिया रिबीन्किना का भाग लेना भी पूरी तरह से मुनासिब है।
इवान ग्रीका ने रूस-भारत संवाद को बताया — क्सेनिया रिबीन्किना की उपलब्धियों को हमेशा राज कपूर के साथ जोड़कर देखा जाएगा। पिछली सदी के आठवें दशक के दौरान रूसियों के लिए यह बड़े गर्व की बात थी कि राज कपूर की फ़िल्म में एक रूसी अभिनेत्री ने काम किया है।
‘मेरा नाम जोकर’ में क्सेनिया रिबीन्किना द्वारा निभाई गई भूमिका को भारत में बनी किसी भी फ़िल्म में किसी भी रूसी कलाकार का अब तक का सबसे बड़ा काम माना जाता है।
टिप्पणी:
राज कपूर की 92वीं जयन्ती को समर्पित इस कार्यक्रम का आयोजन 14 दिसम्बर 2016 को शाम छह बजे बम्बई कला सोसाइटी के बान्द्रा (पश्चिम) स्थित थियेटर में किया जाएगा। इसके बाद ‘मेरा नाम जोकर’ फ़िल्म भी दिखाई जाएगी। कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क और ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर मिलेगा।
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